ना गदर हुआ ,
ना लहू बहा ,
ना हुआ कोई संग्राम रे ,
चली तो 'अण्णा' गिरी चली
हर शहर शहर हर गाव रे ,
...बंदे में है दम वंदे मातरम .................
बोले तो 'अण्णा' गिरी जिंदाबाद !!!!!!!!!!!!
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